डेंगू और मलेरिया को करे बाय बाय...
12 Aug. 2017
बारिश के बाद कई तरह की संक्रामक बीमारियां फैलने लगती है। जिनमें मलेरिया और डेंगू प्रमुख हैं। ये बीमारियों न केवल आपको बहुत कमजोर कर देती हैं बल्कि जानलेवा भी हैं। मलेरिया बारिश के जमे हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से होता है। जबकि डेंगू एडीज मच्छर (प्रजाती) के काटने से फैलता है। ये बुखार मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है। बुखार के दौरान प्लेटलेट्स कम होना इसका मुख्य लक्षण हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। इन दोंमो बीमारियों का सही समय पर उपचार कराना जरूरी है। आइये जानते हैं इनके घरेलू उपचार क्या-क्या है:-
मलेरिया के लक्ष्ण:-
मलेरिया होने पर रोगी को सर्दी लगने लगती है और शरीर कांपने लगता है। इस्ल्के अन्य लक्षणों में सर्दी के साथ प्यास लगना, उल्टी होना, हाथ पैरों पर ठंड लगना और बेचैनी होना आदि है। इस बीमारी में कब्ज, घबराहट और बेचैनी आदि आने लगती है।
सबसे पहले खून की जांच
किसी भी तरह का बुखार मलेरिया हो सकता है। एैसे में सबसे पहले खून की जांच कराएं।
ऐसे हो सकते हैं ठीक
-सुबह-सुबह खाली पेट तुलसी के 4 से 5 पत्तों को अच्छी तरह से चबाकर खाएं। थोड़े ही दिनों में मलेरिया का बुखार उतर जाएगा।
-मलेरिया को जल्द ठीक करने के लिए 10 ग्राम पानी उबालें और उसमें 2 ग्राम हींग डालकर उसका लेप बनाएं। अब इस लेप को हाथ और पैरों के नाखूनों पर लगाएं। 4 दिनों तक एैसा करने से रोगी जल्दी ठीक हो जाता है।
-नींबू भी मलेरिया में कारगर है, नींबू पानी या नींबू की शिकंजी का सेवन करने से मलेरिया का बुखार उतर जाता है।
-5 काली मिर्च और 50 ग्राम नीम की पत्तियों को बारीक पीस लें और इसे एक कप में छानकर थोड़ा-थोड़ा रोगी को दें। एैसा करने से मलेरिया जड़ से खत्म हो जाता है।
- मलेरिया के बुखार होने पर प्याज का रस बेहद फायदेमंद होता है। 4 काली मिर्च का पाउडर, 4 मिली प्याज का रस मिलाकर दिन में 3 बारी पीएं।
- 1 चम्मच लहसुन के रस में 1 चम्मच तिल का तेल को मिलाकर हाथ पैरों के नाखूनों पर लगाएं।
-बार-बार मलेरिया के बुखार आने पर नियमित छांछ का सेवन करें।
-मलेरिया होने पर सेब का सेवन करें। सेब खाने से बुखार जल्द ही उतर जाता है।
-सौंठ और पिसा धनिया को बराबर मात्रा में मिला कर चूर्ण बनाएं और दिन में तीन बार इसका सेवन करेडेंगू के लक्षण:-
सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और त्वचा का खराब हो जाना। कभी-कभी, यह लक्षण फ्लू के साथ मिलकर कंफ्यूज भी कर देते हैं।
-डेंगू के लक्षण 3 से 14 दिन बाद दिखने शुरू होते हैं।
-तेज ठण्ड लगकर बुखार आना।
-शरीर और जोड़ों में दर्द होना।
-भूख कम लगना।
-जी मचलना, उलटी और दस्त आना।
डेंगू के घरेलू उपचार:-
-गिलोय का सेवन: गिलोय का आयुर्वेद में बहुत महत्व है। यह मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने और बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है। इनके तनों को उबालकर हर्बल ड्रिंक की तरह सर्व किया जा सकता है। इसमें तुलसी के पत्ते भी डाले जा सकते हैं।
-मेथी के पत्तेः यह पत्तियां बुखार कम करने के लिए सहायक हैं। यह पीड़ित का दर्द दूर कर उसे आसानी से नींद में मदद करती हैं। इसकी पत्तियों को पानी में भिगोकर उसके पानी को पीया जा सकता है। आप मेथी पाउडर को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
-पीपते के पत्तेः यह प्लेटलेट्स की गिनती बढ़ाने में हेल्प करता है। साथ ही, बॉडी में दर्द, कमजोरी महसूस होना, उबकाई आना, थकान महसूस होना आदि जैसे बुखार के लक्षण को कम करने में सहायक है। आप इसकी पत्तियों को कूट कर खा सकते हैं
-सादा भोजन खाएं जिसमें नामक कम मात्रा में हो।
-ताज मौसमी रस का सेवन करें।
-नारियल पानी और साफ़ पानी अधिक से अधिक पिएं।


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